चतुर्मुखी रुद्राक्ष

चतुर्मुखी रुद्राक्ष

चतुर्मुखी रुद्राक्ष को ब्रह्मा का रूप बताया गया है, और यह भी बताया गया है कि इसे धारण करने से ब्रह्म हत्या का पाप नष्ट हो जाता है.

  • चतुर्मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से धारणकरता के ऊपर सदैव संसार के रचयिता स्वयं ब्रह्मा जी का आशीर्वाद रहता है। उन्हें सृष्टि की तरफ से अनेक को प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं क्योंकि उनके सिर पर स्वयं ब्रह्मा जी का हाथ होता है।
  • चतुर्मुखी रुद्राक्ष धारण करने से धारणकरता को धन-धान्य का सदैव लाभ प्राप्त होता है तथा उन्हें ज्ञान में समृद्धि प्राप्त होती है और उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या से जूझना नहीं पड़ता। स्वयं उनकी रक्षा चतुर्मुखी रुद्राक्ष द्वारा होती है।
  • जो इस चतुर्मुखी रुद्राक्ष को धारण करता है वह स्वयं शुद्ध तथा उनकी आत्मा भी शुद्ध होती है । यह किसी भी प्रकार की अशुद्धि आत्मा तथा शरीर में नहीं होने देता।
  • चतुर्मुखी रुद्राक्ष के स्पर्श से ही धर्म के प्रति सजगता एवं जागरूकता आती है और स्पर्श करता को मोक्ष की प्राप्ति होती है ।

 

चतुर्मुखी रुद्राक्ष

चतुर्मुखी रुद्राक्ष

चतुर्मुखी रुद्राक्ष को ब्रह्मा का रूप बताया गया है, और यह भी बताया गया है कि इसे धारण करने से ब्रह्म हत्या का पाप नष्ट हो जाता है.

  • चतुर्मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से धारणकरता के ऊपर सदैव संसार के रचयिता स्वयं ब्रह्मा जी का आशीर्वाद रहता है। उन्हें सृष्टि की तरफ से अनेक को प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं क्योंकि उनके सिर पर स्वयं ब्रह्मा जी का हाथ होता है।
  • चतुर्मुखी रुद्राक्ष धारण करने से धारणकरता को धन-धान्य का सदैव लाभ प्राप्त होता है तथा उन्हें ज्ञान में समृद्धि प्राप्त होती है और उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या से जूझना नहीं पड़ता। स्वयं उनकी रक्षा चतुर्मुखी रुद्राक्ष द्वारा होती है।
  • जो इस चतुर्मुखी रुद्राक्ष को धारण करता है वह स्वयं शुद्ध तथा उनकी आत्मा भी शुद्ध होती है । यह किसी भी प्रकार की अशुद्धि आत्मा तथा शरीर में नहीं होने देता।
  • चतुर्मुखी रुद्राक्ष के स्पर्श से ही धर्म के प्रति सजगता एवं जागरूकता आती है और स्पर्श करता को मोक्ष की प्राप्ति होती है ।